जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ ।
शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें।
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई Shiv chaisa जांचे वो फल पाहीं॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
पाठ पूरा Shiv chaisa हो जाने पर कलश का जल सारे shiv chalisa lyricsl घर में छिड़क दें।
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥